रायपुर में बाघ दिखने की खबर निकली अफवाह: वन विभाग और पुलिस की टीम ढूंढती रही टाइगर, लेकिन कही नहीं मिला, DFO बोले- करवाएंगे FIR

बुधवार की दोपहर रायपुर के रिहायशी इलाके में बाघ दिखने की खबर फैली। इलाके के लोग डर गए। व्हाट्सएप पर कुछ तस्वीरें वायरल करने लगे। दावा करने लगे कि इसी इलाके की तस्वीरें हैं। तस्वीरें देखकर डर का माहौल हो गया। कुछ लोगों ने फौरन पुलिस को खबर दी। पुलिस स

दोनों ही विभाग के लोग मौके पर पहुंचे। इलाके की घेराबंदी की गई। स्थानीय लोग एक दूसरे को घरों में ही रहने की सलाह दे रहे थे। काफी देर तक मशक्कत करने के बाद वन विभाग ने पाया कि बाघ की सिर्फ अफवाह ही फैली थी। इलाके में कोई बाघ नहीं आया। ये पूरा मामला शहर के सेरीखेड़ी का है।

फॉरेस्ट और पुलिस के साथ स्थानीय लोग भी बाघ को ढूंढते रहे।

फॉरेस्ट और पुलिस के साथ स्थानीय लोग भी बाघ को ढूंढते रहे।

कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि इलाके की एक बच्ची ने मोबाइल पर बाघ की तस्वीर दिखाकर इशारों में बताया कि उसे बाघ दिखा है। वो बच्ची सुन-बोल नहीं सकती। ग्रामीणों ने भी बात पर यकीन कर लिया। दोपहर होते होते स्थिति स्पष्ट हुई और वन विभाग ने भी अब बाघ आने की इस खबर को फेक न्यूज बताया है।

बाघ नहीं अफवाह घूम रही थी

DFO लोकनाथ पटेल ने को बताया कि बाघ या तेंदूआ देखे जाने की बात सिर्फ अफवाह थी। स्थानीय लोगों ने एक दूसरे के बीच खबर फैला दी और मगर हमें जब खबर मिली तो विभाग की टीम ने जाकर चेक किया। अब ये अफवाह किसने फैलाई, इसकी जांच करने हमने पुलिस को भी कहा है।

अधिकारी ने कहा कि ऐसी अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ FIR करवाई जाएगी। DFO ने बताया कि दो महीने पहले भी इसी तरह रायपुर में बाघ दिखने की किसी ने खबर फैलाई। आधी रात वन विभाग की टीम पिंजरा लेकर बाघ रायपुर में ढूंढ रही थी, ये भी अफवाह निकली थी।

ये तस्वीर लोगों के पास पहुंची थी।

ये तस्वीर लोगों के पास पहुंची थी।

100 किलोमीटर दूर असल मौजूदगी

रायपुर के करीब 100 किलोमीटर दूर बलौदाबाजार जिले में बाघ की मौजूदगी मिली थी। लगभग 8 दिन पहले बारनवापारा अभ्यारण से भटककर बाघ कसडोल आ पहुंचा था। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची।

रायपुर से भी वन विभाग के अफसर गांव में पहुंचे थे। 9 घंटे के कड़ी मशक्कत के बाद कसडोल नगर के पारस नगर के आसपास बाघ को रेस्क्यू किया गया। इसे जंगल में वापस छाेड़ दिया गया था।

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